


मध्य प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के साथ ही अब परमाणु बिजली संयंत्र लगाने की दिशा में भी कदम बढ़ाए जा रहे हैं। केंद्र की ओर से भारत स्मॉल रिएक्टर्स की स्थापना को निजी क्षेत्र के लिए खोले जाने के बाद ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी कई बड़ी कंपनिया मध्यप्रदेश में जमीन की खोजबीन कर रही हैं। कुछ कंपनियों ने जगह देखना शुरू कर दिया है। क्योंकि ग्रीनफील्ड की जमीन काफी उपलब्ध है। इसके साथ ही मंडला जिले में पहले से चल रही चुटका परमाणु परियोजना की भी बाधाएं जल्द दूर करने के प्रयास शुरू हो गए हैं।
पहले उन्हें अनुमति जो अपनी जरूरत के लिए बना रहीं बिजली
सबसे पहले उन भारतीय निजी कंपनियों को छोटे परमाणु रिएक्टर स्थापित करने की अनुमति दी जा रही है, जो अपनी जरूरत के लिए बिजली बनाना चाहते हैं। हालांकि निर्माण का काम, निगरानी और संचालन न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के तकनीकी सहयोग से होगा।
निजी कंपनियों के प्रस्ताव जनवरी में किए आमंत्रित
इसके लिए NPCIL ने जनवरी में निजी कंपनियों से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं। इसके बाद टाटा पावर, रिलायंस इंडस्ट्रीज, अडानी एनर्जी सहित अन्य कंपनियों ने रुचि दिखाई है। निजी कंपनियों ने छह राज्यों में 16 स्थान सुझाए हैं। इनमें से दो स्थान में हैं। सिंगरौली, राजगढ़, शिवपुरी जिलों में जमीन देखी गई है।
उच्च स्तरीय समिति बनाई
सरकार ने परमाणु परियोजनाओं की स्थापना में सहयोग के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है। ऊर्जा विभाग के एसीएस नीरज मंडलोई की अध्यक्षता में गठित समिति में जल संसाधन, पर्यावरण, राजस्व और वन विभाग के एसीएस या पीएस को सदस्य नियुक्त किया गया है। संबंधित जिलों के कलेक्टर भी सदस्य हैं। इसके साथ NTPC और NPCIL के अधिकारी भी शामिल हैं।